Nafis Sir Chhaurahi

img

प्रश्‍न: 1. ऊत्तक किसे कहते हैं?

उत्तर:— समान उत्पत्ति तथा समान कार्यों को संपादित करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊत्तक कहते हैं।

प्रश्‍न: 2. ऊत्तक को कितने भागों में बाँटा गया है?

उत्तर:— ऊत्तकों को दो भागों में बाँटा गया है:
  • विभज्योतिकी ऊतक
  • स्थायी ऊतक
विभज्योतिकी ऊतक:—यह जीवित कोशिकाओं का बना होता है, जिसमें विभाजन की क्षमता होती है। इसकी कोशिकाएँ छोटी, अंडाकार या बहुभुजी होती हैं।
स्थायी ऊतक:—विभज्योतिकी ऊतक की वृद्धि के परिणामस्वरूप स्थायी ऊतक बनता है। इसमें विभाजन की क्षमता नहीं होती और ये मृत या सजीव हो सकते हैं।

प्रश्‍न: 3. सरल स्थायी ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— सरल स्थायी ऊतक समान कोशिकाओं से बना होता है। इसके तीन प्रकार हैं:
  • मृदूतक उत्तक
  • स्थूलकोण उत्तक
  • दृढ़ उत्तक
★ मृदूतक उत्तक:—मृदूतक कोशिकाएँ जीवित, गोलाकार, अंडाकार या अनियमित आकार की होती हैं। इनमें केंद्रक पाया जाता है, और इसकी कोशिका भित्ति पतली एवं सेल्यूलोज की बनी होती है।
  • एपिडर्मिस के रूप में पौधों का संरक्षण करता है।
  • पत्तियों में भोजन का निर्माण करता है।
  • भोजन के पार्श्व–चालन में सहायक होता है।

प्रश्‍न: 4. स्थूलकोण ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— स्थूलकोण ऊतक की कोशिकाएँ केंद्रयुक्त, लबी या अंडाकार, जीवित तथा रसधानीयुक्त होती हैं। इनमें हरितलवक पाया जाता है।
  • यह पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।
  • हरितलवक होने पर भोजन निर्माण करता है।

प्रश्‍न: 5. दृढ़ ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— दृढ़ ऊतक की कोशिकाएँ मृत, लंबी, सँकरी और दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं। इनमें जीवद्रव्य नहीं होता। यह पौधों के तने, पत्तियों के शिरा, फलों एवं बीजों के कठोर आवरण में पाया जाता है।
  • यह पौधों को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है।
  • यह रक्षात्मक ऊतक के रूप में कार्य करता है।

प्रश्‍न: 6. कॉर्क कोशिका किसे कहते हैं?

उत्तर:— पुराने जड़ और तने के बाहरी ऊतक विभाजित होकर कॉर्क कोशिकाएँ या छाल बनाते हैं। यह सुरक्षा कवच का कार्य करता है। इसकी कोशिकाएँ मृत और मोटी दीवार वाली होती हैं, जिन पर सुबेरिन नामक कार्बनिक पदार्थ जमा रहता है।

प्रश्‍न: 7. जटिल स्थायी ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— सरल स्थायी ऊतक समान प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है, जबकि जटिल स्थायी ऊतक विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है।
★ प्रकार:
  • जाइलम
  • फ्लोएम

प्रश्‍न: 8. जाइलम किसे कहते हैं?

उत्तर:— जाइलम पौधों के मूल, तना और पत्तियों में पाया जाता है। इसे चालन ऊतक कहते हैं।
★ जाइलम के चार भाग:
  • वाहिनिकाएँ: लंबी, मृत, और दोनों सिरों पर नुकीली कोशिकाएँ होती हैं।
    • कार्य: पौधों को यांत्रिक सहायता और जल परिवहन।
  • वाहिकाएँ: मृत और लंबी नली के समान कोशिकाएँ।
    • कार्य: जल और खनिज लवण का परिवहन।
  • जाइलम तंतु: लंबे, शंकुरूप मृत कोशिकाएँ।
    • कार्य: पौधों को यांत्रिक सहायता।
  • जाइलम मृदूतक: जीवित कोशिकाएँ।
    • कार्य: भोजन संग्रह और जल संवहन।

प्रश्‍न: 9. फ्लोएम किसे कहते हैं?

उत्तर:— जाइलम की तरह फ्लोएम भी पौधे की जड़, तना एवं पत्तियों में पाया जाता है।
★ फ्लोएम के चार तत्व:
  • चालनी नलिकाएँ: लंबी, बेलनाकार तथा छिद्रित भित्तिवाली कोशिकाएँ।
    कार्य: तैयार भोजन को वृद्धि क्षेत्र में ले जाना।
  • सहकोशिकाएँ: चालनी नलिकाओं के पास स्थित लंबी और जीवित कोशिकाएँ।
    कार्य: भोज्य पदार्थ के संवहन में मदद करना।
  • फ्लोएम तंतु: लंबी कोशिकाओं से बने होते हैं।
    कार्य: फ्लोएम को यांत्रिक सहायता प्रदान करना।
  • फ्लोएम मृदुतक: जीवित और केंद्रकयुक्त कोशिकाएँ।
    कार्य: भोजन संचित करना और संवहन में सहायता।

प्रश्‍न: 10. जंतु ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— ऊतक ऐसी कोशिकाओं के समूह हैं, जो उत्पत्ति, संरचना और कार्य के दृष्टिकोण से समान होती हैं।

प्रश्‍न: 11. जंतु ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर:— जंतु ऊतक चार प्रकार के होते हैं:
  • उपकला ऊतक: बाहरी परत और आंतरिक स्तर का निर्माण।
  • संयोजी ऊतक: अंगों को जोड़ता है और सहारा देता है।
  • पेशी ऊतक: गति और संकुचन में सहायक।
  • तंत्रिका ऊतक: मस्तिष्क, मेरुरज्जू और संवेदनाएँ भेजने का कार्य।

प्रश्‍न: 12. सिनेप्स किसे कहते हैं?

उत्तर:— एक न्यूरॉन के ऐक्सॉन के अंतिम छोर की शाखाएँ दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट्स से जुड़कर सिनेप्स बनाती हैं।
कार्य: आवेग का संचार एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक करना।

प्रश्‍न: 13. मैट्रिक्स में कितने प्रकार के तंतु पाए जाते हैं?

उत्तर:— मैट्रिक्स में दो प्रकार के तंतु पाए जाते हैं:
  • श्वेत तंतु: अशाखीय और अलचीले।
  • पीला तंतु: शाखीय और लचीले।

प्रश्‍न: 14. कंकाल ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— कंकाल ऊतक शरीर को सहारा देता है और मजबूती से जोड़ता है। यह दो प्रकार के होते हैं:
  • उपास्थि ऊतक: लसलसा मैट्रिक्स, जिसमें पतले कोलेजन तंतु होते हैं।
  • अस्थि ऊतक: इसमें ऑस्टियोब्लास्ट कोशिकाएँ होती हैं, जो अस्थि निर्माण में सहायक होती हैं।

प्रश्‍न: 15. तरल या संवहनीय ऊतक किसे कहते हैं?

उत्तर:— रक्त या रुधिर एवं लसीका को तरल संयोजी ऊतक कहते हैं। इसमें कोशिकाएँ बिखरी होती हैं।

प्रश्‍न: 16. रक्त या रुधिर किसे कहते हैं?

उत्तर:— रक्त या रुधिर के तरल भाग को प्लाज्मा कहते हैं।
  • प्लाज्मा: हल्के पीले रंग का चिपचिपा और क्षारीय द्रव्य, जो रुधिर का 55% होता है।
  • रुधिर कणिकाएँ: तीन प्रकार की होती हैं:
    • लाल रुधिरकणिकाएँ (RBC): मेंढक में ये बड़ी और अंडाकार होती हैं। मनुष्यों में इनमें हीमोग्लोबिन पाया जाता है, जिससे इनका रंग लाल होता है।
    • श्वेत रुधिरकणिकाएँ (WBC): अनियमित आकार की होती हैं, इनमें हीमोग्लोबिन नहीं होता है और इनकी संख्या RBC से कम होती है।
    • प्लेटलेट्स: सूक्ष्म, रंगहीन और केंद्रहीन कोशिकाएँ, जो तर्क-आकार की होती हैं।

प्रश्‍न: 17. लसीका किसे कहते हैं?

उत्तर:— लसीका एक वर्णहीन द्रव्य है, जिसमें लाल रुधिरकणिकाएँ और प्लेटलेट्स नहीं होते। इसमें कम मात्रा में कैल्सियम और फॉस्फोरस पाया जाता है।
कार्य:
  • यह पोषक पदार्थों का परिवहन करता है।
  • यह रोगाणुओं को नष्ट करता है।

प्रश्‍न: 18. अरेखित, रेखित एवं हृदपेशियों में क्या अंतर है?

उत्तर:— अरेखित, रेखित और हृदपेशियों में निम्नलिखित अंतर हैं:
पेशी प्रकारविशेषताएँ
अरेखित पेशी
  • आहारनाल, आँत, रक्तवाहिनियों और मूत्राशय में पाई जाती है।
  • अशाखित होती है।
  • अनैच्छिक होती है।
  • प्रत्येक तंतु में एक केंद्रक होता है।
रेखित पेशी
  • कंकाल से जुड़ी रहती है, ग्रहणी में भी पाई जाती है।
  • अशाखित होती है।
  • ऐच्छिक होती है।
  • बहुकेंद्रीय होती है।
हृदपेशी
  • हृदय की भित्ति में पाई जाती है।
  • एक दूसरे से जुड़ी रहती है।
  • अनैच्छिक होती है।
  • एककेंद्रीय होती है।

All Exam Text

This section is for additional information or text related to exams. Customize it as needed.