कॉच की एक विसर्ग नली में कोई गैस लेते है और विद्युत–धारा प्रवाहित करने पर कैथोड से एक किरण निकालकर एनोड की ओर गमन करती है इसे कैथोड किरण कहते हैं।
कॉच की एक विसर्ग नली में हाइड्रोजन गैस लेते हैं , और विद्युत धारा प्रवाहित करने पर एनोड से एक किरण निकलकर कैथोड की ओर गमन करती है एनोड की किरण को प्रोटॉन कहते हैं।
आवेश और द्रव्यमान।
आवेश: इलेक्ट्रॉन पर ऋण आवेश कण होता है। इलेक्ट्रॉन के आवेश का मान e⁻ = 1.60× 10⁻¹⁹ Cजेम्स चैडविक ने न्यूट्रॉन का आविष्कार किया। जेम्स चैडविक ने 1932 में बेरिलियम धातु पर अल्फा कणों के प्रभाव के अध्ययन के दौरान न्यूट्रॉन की खोज की।
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में निम्न अंतर है:
इलेक्ट्रॉन | प्रोटॉन | न्यूट्रॉन |
---|---|---|
(I) इलेक्ट्रॉन का संकेत e⁻ है। | (I) प्रोटॉन का संकेत p+ या H+ है। | (I) न्यूट्रॉन का संकेत n या n⁰ है। |
(II) इलेक्ट्रॉन का आवेश -1.602 × 10⁻¹⁹ कूलॉम है। | (II) प्रोटॉन का आवेश +1.602 × 10⁻¹⁹ कूलॉम है। | (II) न्यूट्रॉन का आवेश शून्य है। |
(III) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान लगभग 9.109 × 10⁻³¹ किलोग्राम है। | (III) प्रोटॉन का द्रव्यमान लगभग 1.672 × 10⁻²⁷ किलोग्राम है। | (III) न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग 1.675 × 10⁻²⁷ किलोग्राम है। |
(IV) इलेक्ट्रॉन परमाणु के बाहरी भाग में पाए जाते हैं और इलेक्ट्रॉन त्वचा बनाते हैं। | (IV) प्रोटॉन परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं। | (IV) न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं। |
सर्वप्रथम थॉमसन ने परमाणु का एक मॉडल दिया जो तरबूज की तरह था इसके अनुसार परमाणु में धन आवेश कण तरबूज का खानेवाला लाल भाग होता है। और इलेक्ट्रॉन तरबूज के बीच के तरह धँसे रहते है।
नोट:— थॉमसन के अनुसार
रदरफोर्ड ने अल्फा (α) कण को सोने के ऊपर प्रवाहित किया जिससे अल्फा (α) कण सीधे रेखा में चले गए और कुछ अल्फा (α) कण अपने दिशा से विचलित हो गए।
नोट:— रदरफोर्ड के अनुसार
रदरफोर्ड के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते हैं क्योंकि इस प्रकार परमाणु स्थायी नहीं हो सकता विद्युत चुंबकीय सिद्धांत के अनुसार चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन से ऊर्जा का हॉर्स होता रहेगा जिसके कारण नाभिक का आकर्षण बल अधिक हो जाता है और इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जाते है।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के कमी को दूर करने के लिए बोर ने परमाणु का एक मॉडल दिया।
नोट:– बोर के परमाणु मॉडल के अनुसार
किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन का अधिकतम संख्या का सूत्र 2n² है:
K(2), L(8), M(18), N(32)
तत्व | परमाणु क्रमांक | इलेक्ट्रॉनिक विन्यास |
---|---|---|
H | 1 | 1s¹ |
C | 6 | 1s² 2s² 2p² |
O | 8 | 1s² 2s² 2p⁴ |
Ne | 10 | 1s² 2s² 2p⁶ |
Mg | 12 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² |
Al | 13 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p¹ |
Si | 14 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p² |
P | 15 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p³ |
S | 16 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p⁴ |
Cl | 17 | 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p⁵ |
परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को परमाणु संख्या कहते हैं।
परमाणु संख्या को z से लिखा जाता है।
जैसे:— नाइट्रोजन में प्रोटॉन की संख्या 7 होता है।
द्रव्यमान संख्या:— परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या का योगफल परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।
A = Z + N
A → द्रव्यमान संख्या
Z → परमाणु संख्या
N → न्यूट्रॉनों की संख्या
उदाहरण:-
¹¹Na²³ → सोडियम
परमाणु संख्या (Z) = 11
द्रव्यमान संख्या (A) = 23
न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = ?
हम जानते हैं कि:
द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉनों की संख्या (Z) + न्यूट्रॉनों की संख्या (n)
A = Z + n
23 = 11 + n
n = 23 - 11
n = 12
अतः, सोडियम परमाणु में 12 न्यूट्रॉन होते हैं।
तत्व | परमाणु संख्या (Z) | द्रव्यमान संख्या (A) | न्यूट्रॉन की संख्या (A-Z) |
---|---|---|---|
H | 1 | 1 | 1-1=0 |
He | 2 | 4 | 4-2=2 |
Li | 3 | 7 | 7-3=4 |
Be | 4 | 9 | 9-4=5 |
B | 5 | 11 | 11-5=6 |
C | 6 | 12 | 12-6=6 |
N | 7 | 14 | 14-7=7 |
O | 8 | 16 | 16-8=8 |
F | 9 | 19 | 19-9=10 |
Ne | 10 | 20 | 20-10=10 |
Na | 11 | 23 | 23-11=12 |
Mg | 12 | 24 | 24-12=12 |
Z = 12
हम जानते हैं कि प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या बराबर होती है।
इसीलिए प्रोटॉन की संख्या=12 और इलेक्ट्रॉन की संख्या=12
p+ = 11
n = 12
द्रव्यमान A = z+n
A = 11+22
A = 33
परमाणु संख्या z = 11
इलेक्ट्रॉन की संख्या e⁻ = 11
A = 24
Z = 12
A = z + n
24 = 12 + n
24–12 = n
12 = n
अतः न्यूट्रॉन की संख्या = 12
एक ही तत्व के परमाणु संख्या समान हो और द्रव्यमान संख्या अलग-अलग हो उसे समस्थानिक तत्व कहते हैं।
जैसे:—
(i) क्लोरीन के दो समस्थानिक तत्व होते हैं जिसमें क्लोरीन की परमाणु संख्या समान होते हैं लेकिन दोनों क्लोरीन में द्रव्यमान संख्या 35 और 37 होते हैं।
(ii) हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं जिसकी परमाणु संख्या 1 है और द्रव्यमान संख्या 1, 2, 3 होते हैं।
(iii) कार्बन के दो समस्थानिक होते हैं जिसकी परमाणु संख्या 6 होते हैं और द्रव्यमान संख्या 12 और 14 होते हैं।
समस्थानिक तत्व के गुण निम्न है:
समस्थानिक तत्व के उपयोग निम्न है:
वैसे तत्व जिसमें द्रव्यमान संख्या समान हो और परमाणु संख्या अलग-अलग हो उसे समभारिक तत्व कहते हैं।
जैसे:—
Ar, K, Ca
द्रव्यमान संख्या: 40, 40, 40
परमाणु संख्या: 18, 19, 20
वैसे तत्व जिसमें न्यूट्रॉन की संख्या समान हो लेकिन परमाणु संख्या और द्रव्यमान संख्या अलग-अलग हो उसे सम न्यूट्रॉनिक तत्व कहते हैं।
तत्व: C, N, O
द्रव्यमान संख्या: 14, 15, 16
परमाणु संख्या: 6, 7, 8
न्यूट्रॉन की संख्या: 8, 8, 8
किसी तत्व का संयोजकता उसके अंतिम इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करता है।
जब परमाणु पर धन आवेश या ऋण आवेश उपस्थित हो उसे आयन कहते हैं।
जब कोई परमाणु इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है तो उस परमाणु पर धन आवेश (+) आता है।
जब कोई परमाणु इलेक्ट्रॉन का ग्रहण करता है तो उस परमाणु पर ऋण आवेश आता है।
नोट:— जब किसी परमाणु का संयोजकता 1, 2, 3 और 4 हो तो उस परमाणु पर धन आवेश आएगा।
(i) सोडियम (Na):
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 8, 1
संयोजकता = 1
आयन: Na⁺ (सोडियम आयन)
(ii) मैग्नीशियम (Mg):
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 8, 2
संयोजकता = 2
आयन: Mg²⁺ (मैग्नीशियम आयन)
(iii) एल्युमिनियम (Al):
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 8, 3
संयोजकता = 3
आयन: Al³⁺ (एल्युमिनियम आयन)
(iv) ऑक्सीजन (O):
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 6
संयोजकता = 8–6 = 2
आयन: O²⁻ (ऑक्साइड आयन)
तत्व | संयोजकता |
---|---|
Na (सोडियम) | 1 |
Mg (मैग्नीशियम) | 2 |
O (ऑक्सीजन) | 2 |
F (फ्लोरीन) | 1 |
N (नाइट्रोजन) | 3 |
Cl (क्लोरीन) | 1 |
K (पोटेशियम) | 1 |
Si (सिलिकॉन) | 4 |
S (सल्फर) | 2 |
Ne (नियॉन) | 0 |