Nafis Sir Chhaurahi

पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

➤ घन तथा घनाभ में:

घन का आयतन=(भुजा)3\text{घन का आयतन} = (\text{भुजा})^3
घन का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल=6×(भुजा)2\text{घन का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 6 \times (\text{भुजा})^2
घन का पार्श्व पृष्ठ क्षेत्रफल=4×(भुजा)2\text{घन का पार्श्व पृष्ठ क्षेत्रफल} = 4 \times (\text{भुजा})^2
घन का विकर्ण=3×भुजा\text{घन का विकर्ण} = \sqrt{3} \times \text{भुजा}
घनाभ का आयतन=l×b×h\text{घनाभ का आयतन} = l \times b \times h
घनाभ का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल=2(lb+bh+hl)\text{घनाभ का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 2 (lb + bh + hl)
घनाभ का पार्श्व पृष्ठ क्षेत्रफल=2(l+b)h\text{घनाभ का पार्श्व पृष्ठ क्षेत्रफल} = 2(l + b)h
घनाभ का विकर्ण=l2+b2+h2\text{घनाभ का विकर्ण} = \sqrt{l^2 + b^2 + h^2}
चारों दीवारों का क्षेत्रफल=2(l+b)h\text{चारों दीवारों का क्षेत्रफल} = 2(l + b)h

➤ बेलन में:

बेलन का आयतन=πr2h\text{बेलन का आयतन} = \pi r^2 h
बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2πrh\text{बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 2 \pi r h
बेलन के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल=2πr(r+h)\text{बेलन के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 2 \pi r (r + h)
खोखले बेलन का आयतन=πh(R+r)(Rr)\text{खोखले बेलन का आयतन} = \pi h (R + r)(R - r)

➤ गोला तथा अर्धगोला में:

गोले का आयतन=43πr3\text{गोले का आयतन} = \frac{4}{3} \pi r^3
गोले का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल=4πr2\text{गोले का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 4 \pi r^2
गोलाकार खोल का आयतन=43π(R3r3)\text{गोलाकार खोल का आयतन} = \frac{4}{3} \pi (R^3 - r^3)
अर्धगोले का आयतन=23πr3\text{अर्धगोले का आयतन} = \frac{2}{3} \pi r^3
अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2πr2\text{अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 2 \pi r^2
अर्धगोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल=3πr2\text{अर्धगोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल} = 3 \pi r^2

➤ शंकु में:

शंकु का आयतन=13πr2h\text{शंकु का आयतन} = \frac{1}{3} \pi r^2 h
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=πrl\text{शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल} = \pi r l
शंकु का पूर्ण-पृष्ठीय क्षेत्रफल=πr(l+r)\text{शंकु का पूर्ण-पृष्ठीय क्षेत्रफल} = \pi r (l + r)
l=h2+r2, r=l2h2, h=l2r2l = \sqrt{h^2 + r^2}, \ r = \sqrt{l^2 - h^2}, \ h = \sqrt{l^2 - r^2}
शंकु के खिलेन्क का आयतन=13πh(r12+r22+r1r2)\text{शंकु के खिलेन्क का आयतन} = \frac{1}{3} \pi h (r_1^2 + r_2^2 + r_1 r_2)
शंकु के खिलेन्क का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=πl(r1+r2)\text{शंकु के खिलेन्क का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल} = \pi l (r_1 + r_2)
शंकु के खिलेन्क का कुल पृष्ठ क्षेत्रफल=π(r1+r2)l+π(r12+r22)\text{शंकु के खिलेन्क का कुल पृष्ठ क्षेत्रफल} = \pi (r_1 + r_2) l + \pi (r_1^2 + r_2^2)
l=h2+(r1r2)2l = \sqrt{h^2 + (r_1 - r_2)^2}

जहाँ r1,r2 क्रमशः नीचे तथा ऊपर के सिरों की आधार की त्रिज्याएँ हैं।\text{जहाँ } r_1, r_2 \text{ क्रमशः नीचे तथा ऊपर के सिरों की आधार की त्रिज्याएँ हैं।}

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