रेखागणित क्या है?
रेखागणित गणित की वह शाखा है जिसमें रेखा अथवा रेखाखंड से घिरे क्षेत्र के गुणों एवं बनावटों का अध्ययन करते हैं।
बिंदु क्या है?
बिंदु वह है जिसकी मात्र कल्पना की जा सके एवं जिसमें लंबाई, चौड़ाई तथा मोटाई कुछ भी न हो किंतु स्थान अवश्य छेंकता हो उसे बिंदु कहते हैं।
समतल क्या है?
जिस तल में सभी बिंदु एक ही सतह में होते हैं उसे समतल कहते हैं।
रेखाखंड में दो अंत बिंदु होते हैं। उदाहरण के लिए, AB एक रेखाखंड को दर्शाता है जिसके अंत बिंदु A और B हैं।
रेखा का कोई अंत नहीं होता। इसे तीरों से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, AB एक रेखा को दर्शाता है जिसके दोनों ओर बिंदु A और B अनंत तक फैली हुई है।
यदि रेखाखंड के एक ओर तीर का निशान लगा दिया जाए तो उसे किरण कहते हैं।
किसी बिंदु पर दो सरल रेखाओं के मिलने से जो झुकाव बनता है उसे कोण कहते हैं।
त्रिभुज एक बंद आकृति होती है जिसमें तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं। अर्थात तीन रेखाओं से घिरे हुए आकृति को त्रिभुज कहते हैं।
इस त्रिभुज की सभी भुजाएँ और सभी कोण बराबर होते हैं।
इस त्रिभुज की दो भुजाएँ बराबर होती हैं और उनके सामने के कोण भी बराबर होते हैं।
इस त्रिभुज की सभी भुजाएँ और सभी कोण अलग-अलग होते हैं।
जिस त्रिभुज का एक कोण समकोण अर्थात, 90° हो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं।
जिस त्रिभुज के तीनों कोण 90° से छोटा हो उसे न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।
जिस त्रिभुज का एक कोण 90° से अधिक हो उसे अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं।
चार सरल रेखाओं से घिरी बन्द आकृति को चतुर्भुज कहते हैं। यूक्लिडियन समतल ज्यामिति में, चतुर्भुज एक बहुभुज है जिसमें चार किनारे (या भुजा) और चार शीर्ष (या कोने) होते हैं।
समानांतर भुजाओं के दो युग्मों वाला एक चतुर्भुज। ऐसा चतुर्भुज, जिसमें सम्मुख(आमने-सामने की) भुजाएँ बराबर; सम्मुख कोण बराबर; या विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
सभी चारों भुजाएँ समान होती हैं और दोनों विकर्ण एक दूसरे को लंब-समद्विभाजित करते हैं। वर्ग, एक समचतुर्भुज होता है।
सभी चारों भुजाएँ समान होती हैं, और चारों कोण समकोण होते हैं। सम्मुख भुजाएँ समानांतर होती हैं।
सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं, चारों कोण समकोण होते हैं, विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं और लंबाई में बराबर होते हैं।
सम्मुख भुजाओं का कम से कम एक युग्म समानांतर होता है। समांतर चतुर्भुज एक समलंब चतुर्भुज होता है।